Top Guidelines Of baglamukhi sadhna

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Somebody worshipping goddess Bagalamukhi possesses enormous power. These mantras are quite helpful and ensures results if recited in the correct way.

Have got a image of Bagalamukhi before you. Melt away an incense, light a candle in front of the impression of Bagalamukhi.

माँ बगलामुखी साधना अनुभव baglamukhi sadhana serious knowledge

“यजुर्वेद’के प्रसिद्ध ‘आभिचारिक प्रकरण’ में अभिचार-स्वरूप की निवृत्ति में इसी शक्ति का विनियोग किया गया है। इस प्रकरण का ‘यजुर्वेद’ की सभी संहिताओं (तैत्तरीय, मेत्रायणी, काक, काठक, माध्यन्दिनि, काण्व) में समान-रूप से पाठ आया है। ‘माध्यन्दिनि संहिता’ के भाष्य-कर्त्ता उव्वट, महीधर भाष्यकारों ने जैसा अर्थ इसका लिया है, उसका सार यहाँ देते हैं। पं० ज्वालाप्रसाद कृत मिश्र भाष्य में इसका हिन्दी अनुवाद भी दिया गया है।

To acquire more than enemies, Bagalamukhi mantra sadhana can act as a perfect weapon she paralyzes enemy’s speech, destroys an enemy’s intellect, and destroys enemy’s mal-intention for accomplishing Improper items and performing of hurt from an individual. Divine Mom Baglamukhi has the ability to eliminate the influence of Black Magic and Evils eye. To have the victory in lawful challenges, presenting designed to her may possibly play an exceedingly critical position. Baglamukhi mantra sadhana turns hostile men and women friendlier for you and stops accomplishing harm towards you. Yellow garments, garland fabricated from turmeric, yellow seat and yellow bouquets are Employed in her worship. Maa Baglamukhi could be the presiding goddess with desire of annihilating the demons in her personal form.

The meaning of holding this tongue from the goddess is that the goddess is worshiped for supplying and getting speech energy. In several destinations, the Goddess has built the lifeless physique or lifeless body as her seat and it is mounted on the useless system by itself and retains the tongue with the demon or enemy.

Nowadays we are going to inform you about detailed introduction to performing the Baglamukhi puja at your property.

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नमक से शत्रु का नाश

‘अदितिः’ अविनाशी-स्वरूप देव-माता ‘उपस्थे’ हम उपासकों के समीप, ‘शिवा’ कल्याण-स्वरूपवाली, ‘अस्तु’ हो।

‘ रक्षोहणं वलग-हनं वैष्णवीमिदमहं तं वगलमुत्किरामि । ‘

भगवती बगलामुखी की किरपा से हर इच्छा पूरी हो जाएगी। साधना का यह विशेष प्रभाव यह है कि साधना करने वाले साधक को कभी भी पैसे की कमी नहीं रहती है। भगवती कृपा से, वह सभी प्रकार से धन प्रपात करता है। वर्तमान युग में पैसे की अनुपस्थिति में, कोई काम पूरा नही सकता । यदि पैसे की here कमी है, तो कोई मित्र नहीं है या समाज में इसका सम्मान करता है। इस साधना के प्रभाव से, धीरे-धीरे साधक अपने सभी कार्यों में सफल होने लगता और पैसे के रास्ते खुलजाते है ।

अर्थात् ‘शत्रु के विनाश के लिए कृत्या-विशेष भूमि में जो गाड़ देते हैं, उन्हें नाश करनेवाली वैष्णवी महा-शक्ति को वलगहा कहते हैं।’ यही अर्थ वगला-मुखी का भी है। ‘खनु अवदारणे ‘ इम धातु से मुख’ शब्द बनता है, जिसका अर्थ मुख में पदार्थ का चर्वण या विनाश ही अभिप्रेत होता है। इस प्रकार शत्रुओं द्वारा किए हुए अभिचार को नष्ट करनेवानी महा-शक्ति का नाम ‘बगला-मुखी’ चरितार्थ होता है। श्रीमहीधर ने इसका स्पष्ट अर्थ ऐसा किया है-

देवता को ताम्रपात्र में रखकर उनके चरणों पर आचमनी से जल चढ़ाएं।

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